Tajushshariya Mufti Akhtar raza | ताजुश्शरिया उर्फ अज़हरी मियां की Biography in hindi

Tajushshariya Mufti Akhtar raza | ताजुश्शरिया उर्फ अज़हरी मियां की Biography in hindi
Biography Taj-E-Shariat

Tajushshariya आपका परिचय

Dargha Ala Hazrat bareilly; Akhtar raza khan हुजूर ताजुश्शरिया अल्लामा मुफ्ती अख्तर रज़ा खाँ, आला हजरत ईमाम अहले सुन्नत अहमद रजां फाज़िले बरेलवी के परपोते हैं।आप हुज्जतुल इस्लाम हज़रत हामिद रजां खां के सगेपोते और हुजुर मुफ्ती आजम हिंद अल्लामा मुस्तफा रजा खां के सगेनवासे हैं। आप ने इस्लामी दुनिया की सबसे प्राचीन और बड़ी विश्वविद्यालय जामिया अल़-अज़हर काहिरा (मिश्र) से तालीम हासिल की। अपने बेहतरीन तालीमी रिकॉर्ड और यूनिवर्सिटी टॉप करने पर मिस्र के राष्ट्रपति कर्नल अब्दुल नासिर के हाथों Fakhre Azhar फकरे-अज़ह अवार्ड दिया गया इसीलिए आपके नाम के आगे अज़हरी लिखा जाता है।

Tajushshariya Books कलाम व मन्कबतें

आप ने अरबी, उर्दू, अग्रेंजी, फारसी में इस्लामिक-फिक्ह पर बहुत सारी किताबें लिखी और बहुत सारी किताबों का तर्जुमा भी किया।
आप ने इश्के मुस्तफा से लबरेज़ नातिया दिवान सफीनाएबख्शिस लिखी जिसमें उर्दू, अरबी भाषाओं में नातिया कलाम व मन्कबतें हैं।

आपका लकब

शरीयते इस्लामिया की हिफाज़त की अज़ीम खिदमत की वजह आपको ‘शरीयत के ताजʼ का लकब “ताजुश्शरियाʼʼ दिया गया।

 प्रभावशाली शख्सियत

आप की प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जॉर्डन की राजधानी ओमान के रॉयल स्टडीज़ सेंटर से हर साल जारी होने वाली दुनिया के 500 प्रभावशाली मुसलमानों की लिस्ट में आप टाॅप25 शख्सियत में शामिल रहे। जबकि भारत की तरफ से प्रभावशाली शख्सियत में आप पहलेनंबर पर हैं ।

Tajushshariya Followers आपके मुरीद


दुनिया भर में आपके 20_करोड़ से ज्यादा मुरीद हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मिस्र, मॉरिशस, दक्षिण अफ्रीका अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय और अरब देशों में फैले हुए हैं।

हज़ और उमरा

आप ने 6 हज और अन-गिनत बार उमरा अदा किए इसीलिए आपको ‘मेहमान ए काबाʼ के नाम से भी याद किया जाता है। आप सिलसिले कादरिया के अज़ीम बुजुर्ग सूफी परंपरा के प्रचारक थे।

आपकी उपाधि

आपको मुफ्ती-ए-आज़म फिल-हिंद, काजी उल कुज़्ज़ा फिल-हिंद ,जाँ-नशीन ए मुफ़्ती आज़म और नबीरे आला हजऱत की उपाधि से नवाजा गया ।

36 भाषा का ज्ञान

आपको 36 से ज्यादा उलूम (Educational subjects) पर महारत हासिल थी। आपको उर्दू अरबी फारसी अंग्रेजी के अलावा 11 मज़ीद भाषाओं का ईल्म था।आपको आपके नाना हुजूर मुफ्ती ए आजम मुस्तफा रज़ा खान,वालिदे मोहतरम मुफ्ती मोहम्मद इब्राहिम रजा खान के अलावा हज़रत मौलाना बुराहान उल हक जबलपुर, हजरत मौलाना मोहम्मद आले मुस्तफा बरकाती सय्यद हसन हैदर बरकाती माहरैरा शरीफ से भी सिलसिला कादरिया में  खिलाफत व इजाज़त हासिल थी।


आपकी शिक्षा उच्च शिक्षा
आपने मरकजी दारुल इफ्ता, मरकजी दारुल कज़ा,शरई काउंसिल ऑफ इंडिया, जामियातुर रजा इस्लामिक यूनिवर्सिटी की स्थापना की।आप All India Jamat Raza Mustafa आल इंडिया जमात ए रज़ा-ऐ-मुस्तफा बरेली शरीफ,आल इंडिया सुन्नी जामियातुल उलमा और इमाम अहमद रज़ा ट्रस्ट के सरपरस्त रहे। आप के विसाल पर दुनियाभर से ताज़ियत भरे पैगाम आए।जिनमें तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान, अमीर दावत-ए-इस्लामी मौलाना इलियास अत्तार कादरी, प्रोफेसर अमीन मियाँ बरकाती, मशहूर नातखाँ ओवैस रजा कादरी, पीर साकिब शामी, हज़रत साकिब रज़ा मुस्तफाई शेख अबू बकर (केरल), अमीरे सुन्नी दावते इस्लामी मौलाना शाकिर अली नूरी (मुम्बई), मुफ्ती निजामुद्दीन मिस्बाही (अल जामियातुल अशरफिया) ने खूसूसी ताज़ियत फरमाई।
नमाज-ए-जनाजा
आपके नमाज-ए-जनाजा में देशभर के सभी राज्यों से समेत दुनिया भर के 127 मुल्कों से मुरीदीन और अकीदतमन्दों ने शिरकत की जिनकी तादाद  करीब 1.25 करोड़ से ज्यादा रही।

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