File photo: Saeed Noori |
ब्रिटिश संसद में तौहीन ए रिसालत कानून की मांग करने वाली सांसद को रज़ा एकेडमी ने पेश की मुबारकबाद ब्रिटेन की संसद में सोमवार को हाउस ऑफ़ कॉमन्स में हजरत मुहम्मद (ﷺ) की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ सख्त सज़ा से जुड़े कानून की मांग करने वाली विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद नाज़ शाह को रज़ा एकेडमी प्रमुख अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब और आल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलूम के मरकज़ी सदर हजरत अल्लामा मौलाना सैयद मोईनउद्दीन अशरफ अशरफी अलजिलानी साहब ने मुबारकबाद पेश की।
नाज शाह ने यूरोप में बार-बार प्रकाशित होने वाले हुजूर के आपत्तिजनक कार्टून और कैरिकेचर को लेकर आपत्ति जताई और ऐसे लोगों के खिलाफ कानून की मांग की। उन्होने इस दौरान जार्ज बनार्ड के शब्दों को पेश किया। जिसमे उन्होने कहा था कि हजरत मुहम्मद (ﷺ) जमीन पर कदम रखने वाली अब तक की सबसे काबिल जिक्र शख्सियत है। उन्होने एक मजहब की तबलीग की एक रियासत की बुनियाद रखी। जिसमे इंसानी जज़्बात और अखलाक का इस्तेमाल किया। अपनी तालिमात पर अमल पेश होने के लिए एक ताकतवर मुआशरे का कयाम किया और पूरी दुनिया में इंसानी फिक्र व अमल का इंकलाब बरपा दिया।
हाउस ऑफ़ कॉमन्स को संबोधित करते हुए नाज़ शाह ने कहा कि “एक मुसलमान के रूप में, मेरे लिए और इस देश के लाखों मुसलमानों के लिए और दुनिया की एक चौथाई आबादी के लिए, जो कि मुस्लिम है, हर दिन और हर सांस के साथ, हजरत मुहम्मद (ﷺ) के अलावा दुनिया में कोई भी चीज नहीं है जिसे हम अपने से ज्यादा याद और सम्मान करते हैं। ऐसे में हजरत मुहम्मद (ﷺ) के सम्मान के लिए भी कानून लाया जाना चाहिए।
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