मुस्लिम देश अमेरिका की कट पुतली न बने, मस्जिदें अक्सा के सर्मथन में उठ खड़े हो

मुस्लिम देश अमेरिका की कट पुतली बने, मस्जिदें अक्सा के सर्मथन में उठ खड़े हो
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी


बरेली: इसराइल की जालिमाना कार्रवाई के खिलाफ और फिलिस्तीनीयों की हिमायत में खड़े हो भारत के मुसलमान हालिया दिनों इसराइल की जुल्म जियाददती पर इस्लामिक रिसर्च सेंटर ने चिंता व्यक्त की है और कड़े शब्दों में इसराइल की कार्रवाई को ज़ालिमाना और दहशतगर्दाना कार्य बताया है|



इस्लामिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने अपने बयान में कहा कि 1948 में यूरोपीयन देशों ने फिलीस्तीन की सर जमींन पर इसराइलीयो को ज़बरदस्ती बसाया, फिलीस्तीन देश की जमीन के दो टुकड़े किये और बैतूल मुकदस पर कब्जा करने का पैलान तैयार किया गया, इंटरनेशनल कानूनों के ख़िलाफ़ वर्जी़ इसराइल हमेशा से करता आ रहा है आये दिन फिलीस्तीनीयो को मारना, कत्ल करना, मकानों में आग लगा देना और मस्जिदें अक्सा में नमाज़ न पढ़ने देना हमेशा का मामूल बन गया है| जूल्म व बर्बियत (बे इंतिहा देहशतर्गदी) के खिलाफ पूरी दुनिया के अमन पसंदो को एहतिजाज करना चाहिए|

मौलाना ने आगे कहा कि हमें बेहद अफसोस के साथ यह बात कहनी पढ़ रहीं हैं कि दर्जनों मुस्लिम देश होने के बावजूद भी एक छोटे से फिलीस्तीन और मस्जिदें अक्सा कि हिफाज़त के लिए सामने नहीं आ रहें हैं, ये सभी मुस्लिम देश अमरीका की कट पुतली बने हुए है और इन्हें दर लग रहा है कि कहीं हमारे आका नाराज न हो जाये, मगर मुस्लिम देशों में रहने वाले लोग खूब देख रहे हैं और समझ रहे|


मौलाना ने भारत के मुसलमानों और खासतौर पर मुस्लिम संगठनों से आहवान किया है कि इसराइल के ख़िलाफ़ और फिलीस्तीन और मस्जिदें अक्सा के समर्थन में उठ खड़े हो, आज हमे अपने अमल व किरदार से साबित करना होगा कि हम हज़रते उमर फारुक और सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी के मानने वाले है, इनकी रुहे हमे आवाज दे रहीं हैं और मस्जिदें अक्सा कि खामोश फिज़ा हमे बुला रही है, कानून के दायरे रहकर हमे हर प्लेटफार्म से अपनी बात कहना चाहिए| मौलाना ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री से मुतालबा किया है कि इसराइल पर दबाव बनाये ताकि इसराइल व फिलीस्तीन की जंग बंद हो|


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