कोरोना की वैक्सीन और दवा पर आई अच्छी खबरें, इन 7 अपडेट से जानें- कितना आगे पहुंचे हम.
कोरोना वायरस का बढ़ता संक्रमण दुनियाभर के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। विशेषज्ञ कोरोना की दूसरी लहर के प्रति सावधान कर रहे हैं और दुनियाभर में लोग सशंकित हैं। देश में कोरोना अभी चरम पर नहीं पहुंचा है, इसके बावजूद संक्रमण बहुत ही तेजी से फैल रहा है। राहत की बात यह है कि बड़ी संख्या में लोग ठीक होकर अस्पतालों से अपने घर जा रहे हैं। अच्छी खबर यह भी है कि कोरोना की वैक्सीन तैयार करने को लेकर लगातार सकारात्मक प्रगति हो रही है और चल रहे परीक्षणों के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। लोगों को कोरोना की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। आइए जानते हैं वैक्सीन की प्रगति पर ताजा स्थिति क्या है।
सेप्सिस की दवा का कोरोना पर ट्रायल
- देसी कंपनी भारत सीरम एंड वैक्सीन्स लिमिटेड (BSVL) अपने जेनेरिक ड्रग Ulinastatin का कोरोना मरीजों के लिए ट्रायल शुरू करेगी। यह दवा सांस और फेफड़े संबंधी गंभीर बीमारी सेप्सिस के लिए इस्तेमाल होती है।
- इस दवा को क्या कोरोना मरीजों में एक्यूट रिस्परेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है, कंपनी यही संभावना तलाशेगी।
- कंपनी को क्लिनिकल ट्रायल के थर्ड फेज की अनुमति मिल गई है, जिसके सितंबर तक पूरा होने की संभावना है। हल्के और सामान्य लक्षण वाले मरीजों पर इस दवा का ट्रायल होगा।
वैक्सीन की रेस में एक और भारतीय कंपनी
- कोरोना की वक्सीन के लिए एक और भारतीय कंपनी से उम्मीद जुड़ी है। दिल्ली की Panacea Biotech ने अमेरिका की एक अर्ली स्टेज लाइफ साइंसेज कंपनी Refana के साथ साझेदारी की है।
- दोनों कंपनियां मिलकर एक इनएक्टिवेटेड वायरस आधारित वैक्सीन बनाएंगी। इसके लिए ट्रायल का पहला फेज सितंबर से शुरू होने की उम्मीद है।
इन कंपनियों ने जगाई एंटीबॉडी ड्रग्स की उम्मीद
- कोरोना से लड़ने में एंटीबॉडी की अहम भूमिका है, इसलिए कई कंपनियां इस पर काम कर रही है। दरअसल, न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज दवाओं की नई किस्म है। Eli Lilly, AstraZeneca और Regeneron जैसी कंपनियां इस पर काम कर रही हैं।
- AstraZeneca ने वैडरबिल्ड यूनिवर्सिटी से कोरोना वायरस न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज का लाइसेंस लिया है। कंपनी इन मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज को पोटेंशियल कॉम्बिनेशन थेरेपी की तरह क्लिनिकल डेवलपमेंट यानी नैदानिक विकासात्मक प्रयोग में लाना चाहती है।
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