हिजाब विवाद शरियत ने बालिग लड़कीयों को पर्दे में रहने का हुक्म: मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी

Hijab Controversy karnataka

बरेली दरगाह आला हज़रत से हिजाब पहनकर स्कूल में जाने से रोकने और उस पर प्रतिबंध लगाने के मामले में तंज़ीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने Maulana Shahabuddin Razvi हिजाब विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हिजाब पर कनार्टक राज्य के कालेज ने जो प्रतीबंध लगाया है वो महिला अधिकारों का हनन है, Shariyat Law शारियत ने बालिग लड़कीयों को पर्दे में रहने का हुक्म दिया है, और साथ ही संविधान ने भी हर व्यक्ति चाहे पुरुष हो या महिला सभी को अपनी पसंद के मुताबिक लिबास पहनने की आजादी दी है

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अब ऐसी परिस्थिति में Hijab Controversy हिजाब पहनने पर आपत्ति करना सरासर ग़लत है और मुस्लिम छात्राओं को शिक्षा से वंचित रखने की शाजिश भी है। मौलाना ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी भगवा कलर के कपड़े पहानते है, ये उनकी अपनी पसंद है, उनके लिबास के रंग और तौर तरीकों पर किसी मुसलमान ने ऐतराज नहीं जताया।उन्होंने बायान  करते हुए कहा कि इस्लाम ने परदे की अहमियत को बरकरार रखा है।  पर्दे का मतलब ये है , चेहरा और कलाई छोड़ कर औरतों के लिए पूरे जिस्म को छूपाना जरूरी है।

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पैग़म्बरे इस्लाम  ने महिलाओं से  फरमाया तुम्हारे सामने अगर कोई नाबिना शक्ख हो तो तुम उससे भी पर्दा किया करो , क्योंकि वो तुम्हें देख नहीं सकता तुम तो उसे देख सकती हो।, पर्दे को हिन्दी में लिवास कहते हैं, ऐसे लिवास पर जो भगवा रंग का है उसपर कोई क्यों नहीं ऐताराज करता ,एक मुसलमान लड़की मुकम्मल पर्दे के साथ बुरखे में कालेज जाती है तो कालेज के तमाम शिक्षक और भगवा धारी संगठन लिवास को मुद्दा बनाकर पूरे हिन्दुस्तान में हिन्दू मुस्लिम एकता और अखंडता को ख़राब करने की कोशिश में लगे रहते हैं। ताकि हिन्दूस्तान के माहौल  को ख़राब करके ईनतशा फैले।

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‌मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि शारियत के उसूलों पर मजबूती से कायम रहे, और इस तरह के मूद्दो पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है, ये मूद्दे इस लिए उछाले जाते हैं कि बुनियादी कामों की तरफ से ध्यान भटका दिया जाए।

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