बैंको के विलय के खिलाफ आज बैंको ने की जोरदार हड़ताल,नही खुले सार्वजनिक बैंको के ताले
करीब 250 करोड़ का नही हुआ लेनदेन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की हड़ताल आज अभुत्वपूर्व रही किसी भी शाखा के ताले तक नही खुले
बैंक ऑफ बड़ौदा के जोनल कार्यालय पर 10,30 बजे से ही अधिकारियो व कर्मचारियो का जुटना शुरू हो गया था,11 बजते बजते गगनभेदी नारे गूँजने शुरू हो गए विभिन्न यूनियन्स के पदाधिकारियों ने जोशीली तकरीरे कर सरकार की विलय की नीतिओ को अनावश्यक और जन विरोधी जदम बताया
इस मौके पर संचालन कर रहे दिनेश सक्सेना ने कहा के सरकार पूंजीपतियों की कठपुतली बन गई है और उनके हित साधने में लग गई है
ट्रेड यूनियन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने कहा कि 3 बैंको के विलय से सरकार आई एम एफ और वर्ल्ड बैंको को शर्तो को पूरा कर बैंको को कर्मचारी विहीन और यूनियन विहीन कर देना चाहती है
हड़ताली कर्मचारियो को सम्बोधित करते हुए फोरम के उपाध्यक्ष ओ पी वढेरा ने कहा कि बड़े पूंजीपति देश छोड़ कर भाग रहे है और सरकार नही रोक पा रही सरकार की नीयत न देशहित की है न बैंक हित की
इस मौके पर फोरम के अध्यक्ष सुनील मित्तल ने बैंक लोन वसूली के किया सख्त कानून बनाने की मांग की
UPBEU के अध्यक्ष अरविंद रस्तोगी ने कहा कि देशभर का 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर है,लेकिन सरकार के कानों पर अभी भी जू नही रेग रही,ऐसे में अभी बड़ी हड़ताले होनी निश्चित है
रवि आनंद ने कहा कि इस हड़ताल ने साबित कर दिया है कि देश का बैंक कर्मचारी सरकार की नीतिओ से नाराज़ है,हम आगे भी आंदोलन करते रहेंगे
स्टेट बैंक अधिकारी संघ के सन्दीप अग्रवाल ने अवाहन किया कि हमे इस पूंजीवादी सरकार को अगले चुनाव में सबक सिखा देना होगा
हड़ताल की सभा को सर्व श्री पंकज शर्मा,राकेश शर्मा,पी पी सिंह नावेद,पी के माहेश्वरी, अरुण कुमार, अविनाश,रमीज़,चरण सिंह यादव,रंजन मोहले,राजीव कुमार, मालिक सिंह कालरा,अनुराग आदि सम्बोधित किया

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