बड़ी सादगी से मनाया गया यौमे रज़ा, नये दारूल इफ्ता़ का हुआ ऐलान
बरेली: आज दरगाह आला हज़रत पर लाकँ-डाउन का पालन करते हुए बड़ी सादगी के साथ यौमे रज़ा मनाया गया, हर बडे़ शहरों में इस मौके पर यौमे रज़ा के नाम से कांफ्रेंसे आयोजित होती थी मगर इस बार चंद लोगों के साथ ही महफ़िल मुंकिद करके फातिहा खानी की गयी|
महफ़िल में उलमाओ ने आला हज़रत की जिंदगी के बारे में कुछ विशेष बातें बतायी और आला हज़रत ने इस्लाम को फैलाने के लिए जो कुर्बानी दी उसको हम भुल नहीं सकते, हमें भी ऐसे ही आला हज़रत के बताये हुए रास्ते पर चलने की जरूरत है
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मौलाना अरसलान रज़ा खां अज़हरी ने कहा कि आला हज़रत ने हमें अंधेरे से उजाले में लाकर खड़ा कर दिया ये रोशनी पूरी दुनिया में फैल रहीं हैं, तन्जी़म उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि आला हज़रत ने इश्क़े रसूल का पैगाम दिया है रसूल से मोहब्बत ही खुदा की फरमा बरदारी है उनका लिखा हुआ सलाम पूरे विश्व में पढ़ा जाता है ये उनकी मकबुलियत की दलील है,मौलाना खुर्शीद आलम ने कहा कि आला हज़रत ने एक हजार से भी ज्यादा किताबें लिख कर कौम को बतोरे अमानत दी हैं|
इस कार्यक्रम में नबीरे आला हज़रत मौलाना अरसलान रजा खां अजहरी ने एक दारुल इफ्ता़ की स्थापना की घोषणा की इस मौके पर मुफ्ती़ अंवारूल हक़, मौलाना जमील अहमद, मौलाना इकान रज़ा खां, कारी रिज़वान अहमद, हाफिज अतिक रज़ा, मौलाना आज़म हश्मती, मौलाना ताहिर, शकिल हसन नूरानी, वकार सलमानी, डॉ हाशिम अंसारी, इरशाद अहमद आदि उपस्थित थे|
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MashaAllah
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