Scientists have found a creative way to avoid malaria
खुन चुसने वाले मच्छर सिर्फ परेशान ही नहीं करते बल्कि यह इंसान की सेहत के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं नीदरलैंड के कीट वैज्ञानिक वार्ट क्नोल्स मच्छरों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं उन्होंने बताया कि मैं बीते 22 साल से मच्छरों पर शोध कर रहा हूं यह सिर्फ दिलचस्पी नहीं है बल्कि दुनिया भर में कई मुश्किलें खड़ी करते हैं, मलेरिया जैसी बीमारी फैलाते हैं जिससे हर साल दुनिया भर मे 7 करोड़ से ज्यादा लोग मारे जाते हैं हफ्ते में दो बार कीट वैज्ञानिक लैब में मच्छरों को अपना खून चूसवाते और उन पर रिसर्च करते हैं
मलेरिया (malaria) रोग कैसे फैलता है
ये कीट करोड़ों साल से हमारे बीच मौजूद हैं क्रमिक विकास के लिहाज से देखें तो यह कीट (रोल्स रॉयस) लोगों को खोजने में और बीमारियां फैलाने में माहिर है, हम इंसानों के लिए इन्हें नियंत्रित करना मुश्किल साबित हुआ है क्योंकि अगर हम इन पर कीटनाशक का छिडकाव करेंगे तो वे प्रतिरोधी क्षमता हासिल कर लेंगे इसीलिए हमें मच्छरों और परिजीवियों को मारने का कोई नया और रचनात्मक तरीका खोजना पड़ा|
मलेरिया (malaria) रोग के रोकथाम के उपाय
रिसर्च के मुताबिक मच्छर रात में काटते हैं वो खिड़कियों, झरोखों और खुली जगहों से इमारतों में गुसते है उन्हें रोका कैसे जाये, एक यूरोपीय रिसर्च प्रोजेक्ट ने अब इसका आसान तरीका खोजा निकाला है जालीदार प्लास्टिक क्यूब, जाली मे कीटनाशक की परत है, झरोखे रहेंगे मगर हम उसके छेंद में जालीदार क्यूब लगा देंगे जाली मे कीटनाशक होगा इंसान की गंद पाकर जैसे ही मच्छर एक निश्चित दायरे में आएंगे जाली उन्हें फांसेगी और कीटनाशक मार डालेगा|
इस डिवाइस का परीक्षण तंजानिया में 1300 से ज्यादा घरों में किया नतीजे अच्छे रहे, अब वे स्थानीय निर्माण कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि एंटी मॉस्किटो ट्यूब को नहीं इमारतों में लगाया जा सके, 7 महीने तक हम गेज के संपर्क में आने वाले सभी 100 फ़ीसदी मच्छरों को मारने में कामयाब रहे फिल्ड डाटा से हम जानते हैं कि यह 6 महीने से ज्यादा समय तक काम करता है इंस्टॉलेशन की शुरुआत खर्चीली है लेकिन बाद में अगर सिर्फ जाली बदलनी हो तो यह सस्ती है हमने इसकी गणना वार्षिक आधार पर की है 1 साल में हर व्यक्ति के मुताबिक खर्चा $1 से $2 तक आएगा, ऊपर लगे होने की वजह से बच्चे इससे दूर रहते है इसलिए उस पर कई तरह की कीटनाशक लगाए जा सकते हैं अगर कीटों पर सही मात्रा में कीटनाशक चिपके तो वे प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं कर पाते हैं
मलेरिया (malaria) बीमारी की दवा
मच्छरों पर जब कीटनाशक लगता है तो वह नारंगी रंग का हो जाता है इसका असर मच्छरदानी से कहीं ज्यादा है दूसरी चीजों में भी किया जा सकता है मलेरिया बीमारी सबसे ज्यादा अफ्रीका में होती है, इससे अफ्रीका के लोगों की सुरक्षा बेहतर व सरल होगी, अब हमारे पास अफ्रीका में मलेरिया को नियंत्रित करने के दो मुख्य तरीके हैं एक है अंदर दीवारों पर कीटनाशकों का छिड़काव जो साल में दो बार किया जाता है मच्छरदानी का इस्तेमाल भी है दूसरा तरीका है जालियां इंदौर स्प्रे और यूट्यूब इस्तेमाल करें और दक्षिण अमेरिका में बचाई जा सकती है

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