ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका |
रमज़ान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर उसके अगले दिन चांद की पहली तारीख़ को मनाया जाता है। इस्लाम में दो ईदों में से यह एक है (दुसरी ईद उल जुहा या बकरीद कहलाती है) ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने यानी शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है।
इस्लामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चाँद के दिखने पर शुरू होता है। मुसलमानों का यह त्योहार मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देता है। इस दिन सभी लोग नमाज़ के बाद आपस में गले मिलते और मिठी सेवाई खाते है और ईदगाह में ईद की नमाज़ पढ़ने जाते हैं ईद की नमाज़ के बाद सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं। पूरे विश्व में ईद का त्यौहार खुशी और शांति से मनाया जाता है।
जुमे की नमाज की तुलना में ईद की नमाज में 6 ज्यादा तकबीरात (अल्लाहु अकबर) होती है, पूरी नमाज के 5 मुख्य हिस्से होते हैं
ईदुल फ़ित्र ( Eid-ul-fitr ki Namaz) और ईदुल अज़्हा ( Eid-ul-Azha ki Namaz ) की नमाज़ का तरीका एक जैसा ही है लेकिन वक़्त का फर्क है ! अब जानते है ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका।
ईद की नमाज़ की नियत कैसे की जाती है?
Eid Ki Namaz Ki Niyat – ईद की नमाज़ की नियत
नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ वाजिब ईदुल फित्र की मय ज़ाइद 6 तकबीरों के, वास्ते अल्लाह तआला के, पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, इतना कहकर दोनों हाथ कानों तक उठाए और फिर अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बाँध ले.
सबसे पहले निय्यत इस तरह करें:
निय्यत करता हूं मैं 2 रकाअत नमाज़ ईद-उल फितर की ज़ाईद 6 तकदीरों के साथ वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ पीछे इस ईमाम के (अल्लाह हू अकबर)
इमाम तकबीर कह कर हाथ बांधकर सना पढ़ेगा
हमें भी तकबीर कह कर हाथ बांध लेना है उसके बाद 3 ज़ाइद तकबीरें होंगी
- पहली तकबीर कह कर हाथ कानों तक उठाकर छोड़ देना है
- 2️ इसी तरह दूसरी तकबीर कह कर हाथ कानों तक उठा कर छोड़ देना है
- 3️ अब तीसरी तकबीर कह कर हाथ कानों तक उठाकर बांध लेना है
उसके बाद इमाम किराअत करेगा(यानी सूरह-फातिहा और कोई सूरत पढ़ेगा)और रुकू सजदा करके पहली रकाअत मुकम्मल होगी..
दूसरी रकात के लिए उठते ही इमाम किराअत करेगा(यानी सूरह-फातिहा और कोई सूरत पढ़ेगा) उसके बाद रूकू मैं जाने से पहले तीन ज़ाईद तकबीरें होंगी
- पहली तकबीर कह कर हाथ कानों तक उठा कर छोड़ देना है
- दूसरी तकबीर कह कर हाथ कानों तक उठा कर छोड़ देना है
- तीसरी तकबीर कह कर हाथ कानों तक उठा कर छोड़ देना है
यहां तक ज़ाईद तकबीरें मुकम्मल हों गईं, अब उसके बाद बगैर हाथ उठाए तकबीर कह कर रुकू में जाएंगे, और बस आगे की नमाज़ दूसरी नमाजों की तरह पढ़ कर सलाम फेरना होगा..!
नमाज़े ईद-उल फितर से पहले खूब शेयर करें, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा मालूम हो सके
अल्लाह पाक हमें अमल करने की तौफीक़ अता फरमाए
नोट: अहादीस के हवालों में काफ़ी एहतियात बरती गयी है लेकिन फिर भी अगर कोई ग़लती रह गयी हो तो अहले इल्म से गुजारीश है कि हमारी ज़रूर इस्लाह करे।
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