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| 5G Harmful Effects |
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते लोगों में तरह तरह की भावनाएं उत्पन्न हो रही है सोशल मीडिया पर यह काफी Trending पर है 5G की वजह से कोरोना हो रहा है, यह सरासर गलत है W.H.O ने भी कहा ऐसा कुछ भी नहीं है आभी तक 5G पर वैज्ञानिक रिसर्च पर रहे उनके रिसर्च के मुताबिक 5G से कोरोना नहीं होता, लोगों का यह मानना गलत है इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले|
5G Network से पहले?
आपको याद होगा कुछ साल पहले तक कोई भी वीडियो को Download करने में कितना समय लगता था और अब देखिये 4G इंटरनेट के साथ आप जहाँ चाहे Online Video देख सकते हैं 5G भी जल्द ही बाजार में चलने लगेगा जिससे इंटरनेट की स्पीड आज से 100 गुना तेज़ हो जायेगी लेकिन यह भी जानना बहुत जरूरी है कि 5G से हमारे शरीर और सेहत पर क्या असर होगा?
5G का क्या मतलब है?
यह पांचवी पीढ़ी (5th Generation) को दर्शाता है इसकी मदद से नई तकनीकी क्षमता और ज्यादा होगी इसे मौजूदा खंभों पर लगाया जाएगा इन खंभों के नजदीक रहने वाले लोगों को एंटीना से निकलने वाला अतिरिक्त विकरण छेलना होगा, इसका विरोध हो रहा है लोगों का कहना है कि यह शरीर में कुछ नष्ट करता है कोशिकाओं को या कुछ और को, इस पर अभी बहुत शोध तो नहीं हुआ है पर मुझे चिंता है पता नहीं बाद में क्या होगा|
लेकिन इसका विरोध हो रहा है स्विजरलैंड का चिकित्सकों का संघ पीस के विरोध में है संघ के कार्लोस पिंटू की राय में यह कदम जल्दबाजी में उठाया जा रहा है, हमें पता है कि रेडियेशन का बुरा असर होता है जैविक असर और मनोवैज्ञानिक असर हमे इन प्रभावो से निगरानी और जाचं की मांग करके नतीजो के आने के बाद ही हमे सीमाओं पर ढील देने के बारे में सोचना चाहिए, फिलहाल 2G 3G और 4G के नेटवर्क 790 मेगा हर्ट्ज से 2.6 गीगा हर्ट्ज की लिमिट में ट्रांसमिशन करते हैं 5 जी भविष्य में कम समय में ज्यादा डांटा ट्रांसमिशन कर सके इसलिए जल्द ही बड़ी फिक्रोनसी पर ट्रांसमिशन का इरादा है साल के अंत तक 3.5 गीगा हर्ट्ज और बाद में 6 से 100 गीगाहर्टज तक लेकिन 6 गीगा हर्ट्ज की लम्बाई बहुत कम हो जाती है इसलिए उनका ट्रांसमिशन काफ़ी कमजोर हो जाता है और इमारतें और ट्रेन उन्हें रोकते हैं इसलिए एंटीना का रेडिएशन बढाना पड़ता है
मार्टिन रोएशली Mobile Radiation मोबाइल रेडिएशन के एक्सपोर्ट हैं उनके दफ्तर का एक सेमिनार रूम एक मोबाइल एंटीना के बहुत करीब है यहां भविष्य में मोबाइल एंटीना के सीमा बढ़ाने का सीधा असर पड़ेगा यानि रेडिएशन बढ़ेगा
मौजूदा जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है लेकिन लोग स्वास्थ्य की चिंता करते हैं क्योंकि उनमें असुरक्षा है एंटीना कितने खतरनाक है क्या वे इंसानों में बीमारी पैदा करते हैं अब तक वैज्ञानिकों को सिर्फ संकेत मिले हैं इस बात के ठोस सबूत नहीं है कि मोबाइल नेटवर्क ब्रेन ट्यूमर पैदा करता है लेकिन 5 जी नयी सुरक्षा की भावना पैदा कर रहा है क्योंकि ऊची फिक्रोनसी पर तरंगें छोटी हो जाती हैं और त्वचा द्वारा सोक ली जाती है लंबी तरंगों की तरह नहीं इसे शरीर के अंदर सोका जाता है
अभी तक इस पर कोई अचछी स्टडी नहीं है इसलिए चिंता करने या न करने के उतने ही सही या गलत कारण है इस पर ठीक ठीक जाचं की जरूरत है मार्टिन के लिए अक्सर एंटिना नहीं बल्कि हमारे स्मार्टफोन सबसे बड़े जोखिम है वे एक सेलफोन से अच्छे नेटवर्क में अपने दफ्तर फोन करते हैं रेडिएशन की मात्रा बहुत ही कम है फिर भी एक दूसरे फोन से तुलना करते हैं जिसका नेटवर्क अच्छा नहीं है सब कुछ लाल हो जाता है यदि रिसेप्शन खराब हो तो रेडिएशन का बोझ भी ज्यादा होता है आमतौर पर माना जाता है कि हमारे शरीर में रेडिएशन का 90-95 फीसद दवाब स्मार्ट फोन से आता है जो हमारे आस पास इस्तेमाल हो रहा है अगर कुछ करना है तो यह आपके हाथ में है

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