Protest against Saudi government for opening of cinema hall in Medina |
तंजीम उलमा-ए-इस्लाम ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि मदीना शहर इस्लाम में पवित्रतम दूसरा शहर है और इस्लामी पैगंबर मुहम्मद की दफ़नगाह है और यह उनकी हिजरह (विस्थापित होने) के बाद उनके घर आने के कारण ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। इस्लाम के आगमन से पहले, मदीना शहर 'यसरिब' नाम से जाना जाता था, लेकिन व्यक्तिगत रूप से पैगंबर मुहम्मद द्वारा नाम दिया गया। ऐसी पवित्र जगह सिर्फ इबादत करने के लिए है लेकिन साऊदी हुकूमत मदीना शहर में सिनेमाहॉल खोलकर पूरी दुनिया के मुसलमानों के विरोध प्रदर्शन का सामना कर रहीं हैं.
मदीना शहर की खा़स बात
क्या आप लोग जानते हैं कि मदीना शहर में सबसे पूरानी मस्जिदें कौन सी है वैसे तो मदीना शहर में बहुत सी खुबसूरत खुबसूरत मस्जिदें है लेकिन इस्लाम की सबसे पूरानी मस्जिदें सिर्फ 3 ही है जिनके नाम यह रहे
1. मस्जिदें अल नबवी (पैगंबर की मस्जिद)
2. मस्जिद ए क़ुबा (इस्लाम के इतिहास में पहली मस्जिद)
3. मस्जिद अल क़िब्लतैन (वह मस्जिद जिस में दो क़िब्लओं की तरफ़ मुंह करके नमाज़ पढी गयी)
मदीना शहर में सिनेमाहॉल खोलने पर विरोध
साऊदी हुकूमत की तरफ से मदीना शरीफ में खोले जा रहे सिनेमाहालो के मुद्दे पर तंजीम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि हम साऊदी हुकूमत को मक्का शरीफ और मदीना शरीफ के तक्ददूस (पवित्रता) को पामाल करने की हरगिज़ इज़ाज़त नहीं देंगे, इसलिए कि मक्का शरीफ में खुदा का घर है और मदीना शरीफ में पैगम्बरे इस्लाम है, दुनिया भर के मुसलमानों की आस्था मक्का और मदीना शरीफ से जुड़ी हुई है | साऊदी हुकूमत के लिए जरूरी है कि आलीमे इस्लाम के जज़्बात का ख्याल रखें,
मौलाना ने आगे की "खादिनूल हरमेन" (साऊदी बादशाह कापद) का मतलब यह है कि मक्का और मदीना शरीफ की अज्मत, इज़्ज़त, तक्ददूस को पामाल न होने दे साऊदी हुकूमत को इन मुकद्दस शहरों की खिदमत करने का शरफ हासिल है, खुदा व पैगम्बरे इस्लाम के आदेशों की खिलाफ वर्जी करने का नहीं
सिनेमाघर खोलकर साऊदी हुकूमत इस्लाम को कर रही बदनाम: उलमा
Posted by Maulana Shahabuddin Bareilvi on Wednesday, 22 September 2021
खानकाहे कादरीया रहमानिया चनहटा बरेली के गद्दीनशीन मौलाना सूफ़ी अब्दूर्र रहमान कादरी ने कहा कि
इस्लाम में कुरान व हदीस ने मुस्लिम समाज को बुराईयों से बचाने का फरमान जारी किया है,और गाना - बजाना तमाशा और बूरी चीजों को साऊदी हुकूमत खत्म करने के बजाये बढावा दे रहीं हैं | जिसे दुनिया भर के मुसलमान हरगिज़ बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं, अगर साऊदी हुकूमत अपने आकाओ यानि अमरीका व इस्राईल को खुश करने के लिए इन मुकद्दस शहरों का तमाशा बनायेगी तो दुनिया भर के मुसलमान उसके खिलाफ उठ खड़े होंगे
खानकाहे जाहगिरीया सदर कैंट बरेली के गद्दीनशीन सूफ़ी पीर मुहम्मद हनीफ लियाक़ती ने कहा कि
साऊदी हुकूमत और उसका युवा शहज़ादा मुहम्मद बिन सलमान आये दिन ऐसे बुरे कार्यों को बढ़ावा दे रहा है जो इस्लामी उसूलों के खिलाफ है, जिसे मुसलमान ही नही बल्कि दुसरे धर्म के लोग भी अच्छा नहीं समझते हैं, दुनिया के मुसलमानों को चाहिए कि इनकी नाजाईस हरकतों पर सख्त नोटीस ले, आले साऊद की नापाक हरकतों से जाहिर है कि उन्हें खुदा और रसूल का कोई खौफ़ नहीं है, उनको तो वही कार्य करना है जो इस्लाम मुखालिफ ताकते इस्लाम को बदनाम करने के लिए हुक्म देतीं हैं और वो अपनी कुर्सी बचाने के लिए ऐसा करते भी है
अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी साहब ने कहा कि
दुनिया भर के मुसलमानो की अक़ीदत मक्का और मदीना शरीफ से जुड़ी हुई है। सऊदी हुकूमत 200 करोड़ मुसलमानों के जज़्बात को महसूस करे और मुक़द्दस मकामात को नापाक व नाजायज अफआल से महफ्फुज रखे। उन्होने कहा कि खादिम उल हरमेन का मतलब हाकिम उल हरमेन नहीं होता है। सऊदी हुकूमत को मकामात मुकद्दसा की खिदमत करने का शर्फ हासिल है, अल्लाह और उसके रसूल के अहकामात की खिलाफ वर्जी करने का नहीं। अगर सऊदी हुकूमत अपने आका यहूद-नसारा और इस्राइल-अमेरिका को खुश करने के लिए मुक़द्दस मकामात का तमाशा बनाएगी तो दुनिया का मुसलमान उसे हरगिज बर्दाश्त नही करेगा।
आलिम ए दीन मौलाना महमूद आलम राशिदी ने मुस्लिम उम्मत को पैगाम देते हुए कहा कि
सऊदी हुकूमत और उसका नौजवान शहजादा दिन ब दिन ऐसे अफआल को बढ़ावा दे रहा है। जो कुरान ओ हदीस अल्लाह उसके रसूल के अहकामात के सख्त खिलाफ है। ऐश परस्ती के नशे में नजदी हुकुमत के फैसले इस्लाम के खिलाफ है। जिसे मुसलमान ही नहीं बल्कि दूसरा मजहब भी बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होने कहा कि नजदी हुकूमत मुसलमानो के लिए कलंक बनती जा रही है। उसके किरदार से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये सिर्फ शआर इस्लाम मिटाने के लिए सऊदी पर कब्जा करके बैठे है। दुनिया के मुसलमानों को चाहिए कि उनकी उन नाजायज हरकतों पर सख्त नोटिस ले।
मौलाना तौकीर रज़ा अल्लाहबाद ने कहा कि
आले सऊद की नापाक हरकतों से जाहीर है कि उन्हे अल्लाह और उसके रसूल के फरमान का जर्रा बराबर भी खौफ नहीं है। उनको तो वहीं करना है जो इस्लाम मुखालिफ हो और वह ऐश व इशरत में डूबे रहे।
मुस्लिम तंजीमो की मुसलमानों से एक अहम अपील
कॉन्फ्रेंस में ये निर्णय लिया गया कि 23 सितम्बर को साऊदी हुकूमत का स्थापना दिवसहै इसलिए इस मौके पर पूरे हिंदुस्तान के मुस्लिम तंजीमे साऊदी हुकूमत के ख़िलाफ़ ऐतजा़ करके अपनी आवाज बुलंद करेंगी और हुकूमत पर इस बात के लिए दवाव बनाया जायेगा कि मदीना शरीफ में सिनेमा घरों को फोरी तौर पर बंद किया जाये.
1 Comments
Good
ReplyDelete