Heavy rain is becoming a cause of loss for the farmers |
कोरोना ने पहले ही किसानों की कमरतोड़ रखीं थी और अब प्रकति ने भी अपना कहरढा़ दिया, अक्टूबर के महीने में बारिश होने का मतलब किसानों की फसलों का नुकसान होना तय, भारी बारिश की वजह से किसानों की फसलों को नुकसान तो पहुचा है मगर उतराखंड के इलाके में भारी तबाही के साथ साथ कई लोगों ने अपनी जान गबा दी.
भारी बारिश से जिले के किसानों को फायदा कम नुकसान ही ज्यादा होने की जानकारी मिली है। बारिश से अधिकांश किसानों के खेत तबाह हो चुके हैं और जो बुआई की गई थी वह पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। अब स्थिति यह है कि खेत में वर्तमान में बोआई नहीं की जा सकती, खेत को दुरूस्त करने में समय के साथ साथ भारी खर्च होगा जो अब आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण संभव नहीं है।,
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सोमवार की सुबह आसमान में काले बादल छाने के बाद तेज हवा के साथ मूसलाधार वर्षा ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। तेज हवा के साथ हुए मूसलाधार वर्षा के कारण लगभग 6-8 घंटे तक जीवन की रफ्तार थम सी गयी थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वर्षा बहुत तेज हो रहीं थी और वर्षा के साथ ओले भी पड़ रहे थे। तेज हवा के कारण पानी घरों में भी प्रवेश कर रहा था। उस दौरान लोग अपने अपने घरों में बंद जहां के तहां पड़े रहे।
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