Urs-e-razvi में किसकी लापरवाही जानिए भगदड़ के पीछे का क्‍या है सच, जांच में जुटे अधिकारी

दरगाह आला हज़रत मे उर्से रज़वी के मौके पर दूर शहरों से आये जायरीन खरीदारी करते हुए
Bareilly Urs-e-razvi latest news उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में आला हज़रत के उर्स के मौके पर जायरीनों और पुलिस के बीच पत्थराव होने से बरेली शहर की अमन व शांति पर इसका बहुत असर हुआ है, उर्स-ए-रजवी के मौके पर जब बाहर से जायरीन/अकिदतमंद दरगाह आला हज़रत पर हाजरी लगाने आते है तो बरेली वासी उनका तहेदिल से स्वागत करते हैं लेकिन ऐसा क्या हुआ कि महौल बिगड़ गया? 

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जिला प्रशासन के साथ सहमति के बाद कोरोना के मद्देनजर इस बार भी उर्स-ए-रजवी ऑनलाइन होना तय हुआ था। दरगाह की ओर से कई बार अपील भी जारी की गई थी कि लोग अपने घरों में ही उर्स मनाएं। इसके बावजूद पहले ही दिन हजारों लोग आ गए। सड़कों पर उन्हें रोका भी नहीं गया। दूसरे दिन भीड़ और बढ़ी और जायरीन की तादाद 20 हजार के भी पार निकल गई, तब भी किसी ने कोई फिक्र नहीं की। रात को भीड़ और बढ़ी। सोमवार को यह नौबत आ गई कि दोपहर को इस्लामिया ग्राउंड पूरी तरह भर गया और भीड़ सड़कों पर उमड़ने लगी। Bareilly Urs-e-razvi latest news

उर्स-ए-रजवी के कुल के समय जायरीनों की संख्या बढ़कर बहुत ज्यादा हो गयी, उसके हिसाब से पुलिस-प्रशासन ने शहर में सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए थे। श्यामगंज में पथराव के साथ कई और जगह पुलिस और जायरीन के बीच हुई झड़पों से पैदा हुई बड़े बवाल आशंका ने पूरे शहर को डरा दिया। उर्स में कितने लोगों को शामिल होने की अनुमति थी और पहले ही दिन से भीड़ बढ़ने के बावजूद क्यों नहीं जरूरी इंतजाम किए गए, इस पर अब कोई कुछ नहीं बोल रहा। Bareilly Urs-e-razvi latest news

आला हज़रत का 3 दिवसीये उर्स इस्लामिया ग्राउंड पर शांति पूर्वक सम्पन्न हुआ शनिवार को शुरू हुए उर्स-ए-रजवी का सोमवार को कुल था। उर्स में पहले ही दिन से हजारों जायरीन शिरकत करने पहुंचे थे। रविवार को यह भीड़ और बढ़ी तो इस्लामिया ग्राउंड के आसपास के तमाम इलाके जायरीन की भीड़ से पट गए। सोमवार को कुल में शामिल होने सुबह से ही जायरीन के जत्थे सड़कों पर निकलने शुरू हुए, तब कहीं प्रशासन हरकत में आया। दोपहर करीब 12 बजे एकाएक श्यामगंज चौराहे पर बैरिकेडिंग कर कालीबाड़ी होते हुए इस्लामिया ग्राउंड की ओर जाने वाला रास्ता बंद कर दिया गया।

लापरवाही या कुछ और: पुलिस चौकी पर बैठकर लाइव देखते रहे

ऐसा नहीं कि सब कुछ अकस्मात हुआ हो। इस्लामिया मैदान के ठीक सामने बिहारीपुर पुलिस चौकी है। मैदान में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। अंदर चौकी में बैठकर पुलिस अफसर स्क्रीन पर मैदान के अंदर का हाल देखते रहे। तीन दिनों में बिहारीपुर चौकी पर पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी आकर बैठे। लिहाजा यह कहने की कोई गुंजाइश नहीं है कि अफसरों को भीड़ आने का पता नहीं था।

पुलिस की लाठीचार्ज में घायल हुईं स्कूल की शिक्षिका

शहर में सोमवार को हुए घटनाक्रम की चपेट में आम लोग भी आ गए। शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल की शिक्षिका एक अन्य महिला के साथ दोपहर करीब एक बजे अपने घर जाने के लिए पटेल चौक की तरफ से गुजरीं। दरअसल, उनका घर इस्लामिया स्कूल के पास था। पटेल चौक के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसी दौरान जायरीन की भीड़ बढ़ी तो पुलिस ने लाठियां फटकारनी शुरू कर दीं। मुंह पर लाठी लगने से शिक्षिका घायल हो गईं। खून बहने लगा। वह रोते हुए किनारे खड़ी हो र्गइं। बाद में भीड़ कम हुई तो वह घर पहुंचीं।

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उर्से रज़वी में 100 लोगों की अनुमति थी या ज्यादा की,  अफसरों के अलग-अलग बयान

  • एसपी सिटी रविंद्र कुमार का कहना है कि उर्स में सौ लोगों के शामिल होने की ही अनुमति थी, लेकिन अब भीड़ आ गई तो क्या कर सकते हैं। कितनी भीड़ थी, इस सवाल पर बोले- सौ से तो ज्यादा ही लोग थे। आईजी रमित शर्मा पीलीभीत थे। उन्होंने कहा इस बारे में एसएसपी बरेली ही बता सकते हैं। सीओ प्रथम और थर्ड ने भी फोन नहीं उठाया।
  • एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना था कि परमीशन सौ लोगों की नहीं थी। मैदान की क्षमता के हिसाब से परमीशन थी। पुलिस ने अनुमान लगाया था कि इस्लामिया मैदान में आठ-दस हजार और पांच-छह हजार लोग मथुरापुर में आएंगे लेकिन इस्लामिया मैदान में उम्मीद से ज्यादा भीड़ आ गई।
  • डीएम नितीश कुमार ने कहा कि सभी के सहयोग से शांतिपूर्ण ढंग से उर्स की नमाज अदा हुई। कुछ जगहों पर लोगों ने उपद्रव करने का प्रयास किया मगर उस पर तत्काल काबू कर लिया गया।

सज्जादानशीन ने जताया अफसोस, आरएसी युवा अध्यक्ष बोले प्रशासन की लापरवाही

दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां कादरी अहसन मियां ने घटनाक्रम पर अफसोस जताते हुए कहा कि दरगाह से ऑनलाइन उर्स मनाने की अपील की गई थी। डीएम के साथ हुई दरगाह के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में तय हुआ था कि कोविड गाइड लाइन के मुताबिक सीमित संख्या में उर्स मनाया जाएगा। वैसी ही तैयारियां की गई थीं। इसी बीच शासन की नई गाइड लाइन जारी हुई जिसमें कहा गया कि खुले मैदान में संख्या की बाध्यता हटा ली गई है, इसी वजह से भ्रम पैदा हुआ। यह प्रेस विज्ञाप्ति टीटीएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य परवेज नूरी की ओर से जारी की गई है।
ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जो इस बार हुआ, वह पुलिस की लापरवाही है। जब प्रदेश में कहीं पाबंदी नहीं है तो अकीदतमंदों को क्यों रोका गया? अगर ट्रैफिक डायवर्जन किया था तो इसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी। उन्होंने सवाल उठाया कि इस बार ऐसा क्या हुआ कि पुलिस प्रशासन को स्थिति का अंदाजा नहीं हो सका।
दूसरे जिलों से मंगाते थे फोर्स इस बार कुछ भी नहीं किया
आम दिनों में आला हजरत के उर्स में लाखों जायरीन शामिल होते रहे हैं। इसी वजह से पुलिस प्रशासन व्यवस्था करता है। दूसरे जिलों से भी फोर्स मंगवाई जाती रही है। कोरोना के चलते इस बार भी ऑनलाइन उर्स का कार्यक्रम जारी किया गया था। तय हुआ था कि उर्स स्थल इस्लामिया मैदान में सौ से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं होंगे। इसके लिए पास की भी व्यवस्था की गई थी। बावजूद इसके पहले ही दिन से ढील दी जाती रही। शनिवार को पहले दिन जायरीन की संख्या ज्यादा नहीं रही, लेकिन रविवार रात को हजारों की भीड़ जुट गई।
अहसन मियां ने कहा कि उर्स के पहले दो दिन हजारों जायरीन उर्स में शामिल होने आए लेकिन प्रशासन ने कोई रोकथाम नहीं की। प्रशासन के इसी ढुलमुल रवैये के कारण आखिरी दिन काफी संख्या में अकीदतमंद उर्स स्थल की ओर उमड़ पड़े। इसमें उनका कोई कुसूर नहीं था। कुसूर असल में जिला प्रशासन का था जिसने कुल के दिन तक मौन धारण किए रखा। ऊपर से गुपचुप ढंग से पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी, तमाम जगह बैरियर लगाकर जायरीन को रोक दिया गया। अगर उन्हें उर्स स्थल तक आने दिया जाता तो ऐसे हालात न पैदा होते।

पुलिस ने कौन-कौन सी धाराएँ लगाई? 

उत्तर प्रदेश के बरेली में आला हजरत के 103वें उर्स-ए-रजवी में हाजिरी देने पहुंचे जायरीन और पुलिस के बीच झड़प मामले में केस दर्ज हो गया है. बारादरी पुलिस ने सात नामजद और 400 से 500 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. रात को दो लोग हिरासत में लिए गए हैं. आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (धारा 147, 332, 353, 336, 504, 506) और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है. नाजमद आरोपियों में मुहम्मद दानिश, जफर, शोएब, वसीम, जुबैर, नन्हे, फाजिल का नाम है. मुहम्मद दानिश और एक अन्य पुलिस हिरासत में हैं. Bareilly Urs-e-razvi latest news

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