Sunni Markaz सुन्नी मरकज़ दरगाह आला हज़रत से Dargah Ala Hazrat फरमान आया है कि Pakistani slogans पाकिस्तान से प्रमोट होकर आया नारा लगाने से परहेज़ करे मुसलमान
The decree issued by Dargah Ala Hazrat, Muslims should refrain from raising Pakistani slogans |
WPNEWS18: उत्तर प्रदेश के जिला बरेली की सबसे प्रभावशाली Dargah Ala Hazrat दरगाह आला हज़रत से जुड़े तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी Maulana Shahabuddin Razvi ने ईद के मौके पर हिंदुस्तानी जनता को एक पैगाम जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तानी नारा मुसलमान न लगाये बल्कि उसकी जगह हिंदुस्तानी नारा लगाय, पाकिस्तान से प्रमोट होकर आया नारा "गुस्ताख़े नबी की है एक ही सज़ा सर तन से जुदा सर तन से जुदा" यह नारा गैर इस्लामी है और इसमें कट्टरता नज़र आतीं है
#ईद के मौके पर पैगाम हमारे बुजुर्गों का दिया हुआ नारा जो इस्लामी होने के साथ साथ #हिंदुस्तानी भी है "प्यारे नबी की है यह शान बच्चा बच्चा है कुरबान" यह नारा लगाये, इस नारे के माध्यम से #पैगम्बरे इस्लाम से गहरी मोहब्बत का इज़हार छलकता है#EidAlAdha #eidaladha2022 pic.twitter.com/goCnWzABRI
— Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi (@Shahabuddinbrly) July 10, 2022
इसलिए मुसलमान इससे बचे और खास तौर पर नौजवान इस नारे को न लगाये, बल्कि हमारे बुजुर्गों का दिया हुआ नारा जो इस्लामी होने के साथ साथ हिंदुस्तानी भी है "प्यारे नबी की है यह शान बच्चा बच्चा है कुरबान" यह नारा लगाये, इस नारे के माध्यम से पैगम्बरे इस्लाम से गहरी मोहब्बत का इज़हार छलकता है और यह नारा Hindustani slogans हिंदुस्तानी नारा भी है इस नारे की खास बात यह है कि यह की इस नारे को हमारे बुजुर्गों ने हमें बताया है और यह नारा हिंदुस्तान में सदियों से लगाया जा रहा है
This is the glory of the beloved prophet, the child, the sacrifice
_Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi
शहाबुद्दीन रज़वी ने आगे कहा कि हिंदुस्तानी और गैर हिंदुस्तानी मुसलमान ख़ासतौर पर नौजवान इसी नारे का इस्तेमाल करें, इस्लाम आपसी भाईचारा और प्यार मोहब्बत का संदेश देता है इसलिए अपने जलसे व जूलुस में पाकिस्तानी नारा लगाने से बचें.
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