Eid ul Fitr 2021: ईद की नमाज़ से पहले अदा करे फितरा, जानिए क्यों है जरूरी?


Eid ul Fitr 2021: ईद की नमाज़ से पहले अदा करे फितरा, जानिए क्यों है जरूरी?
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी

वेस्ट प्वाइंट न्यूज़ 18 से खास बातचीत में तंजीम उलमा ए इस्लाम के महासचिव और इस्लामिक रिसर्च सेंटर के फाउंडर मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी का कहना है कि जिंदगी और सेहत की हिफाज़त, अपने और अपने परिवार वालो की जान की हिफाज़त को इस्लाम धर्म ने फर्ज़ करार दिया है, इसलिए इस वक्त कोरोना महामारी से बचने के लिए तदबीर इख़्तियार करना यानी कोरोना गाईड लाईन पर अमल करना बहुत जरूरी है|


एक बार पैगम्बर इस्लाम के जमाने में इसी तरह का वबाई मरज़ फैल गया था तो हूजूर नबीये करीम ने फरमान की जहां वबाई मरज़ फैला हो वहाँ के लोग दूसरी जगहों पर न जाये और दूसरी जगहों के लोग उस जगह जाने से परहेज़ करें|



मौलाना ने तमाम मुसलमानों से अपील की है कि ईद की खरीदारी के लिए दुकानों व बाजारों में भीड़ न लगाये, जहाँ तक मुमकिन हो भीड़ से बचे, ईद की नमाज़ बड़ी सादगी के साथ अदा करें, इन्हीं एहतियाती तदबीरो से अपनी जान की हिफाज़त और दूसरो की जान की हिफाज़त हो सकती है, देखा जा रहा है कि बाज़ारों, मंडियों और मौहल्लै की गली कुचो में बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा रहते हैं इससे कोरोना के बड़ने का खत्शा बड़ जाता है इसलिए सभी लोगों से गुजारिश है कि एक दूसरे को समझाये और कोरोना कि गाईड लाईन का पालन करे|


मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि फित्ररा महीना भर के रोजों का सदका है और ईद खुदा की तरफ़ से रोज़ादारो के लिए तोफा है, इस महीने में गरीबों और मिस्कीनो का खयाल रखने का भी शरयत ने हुक्म दिया है, फित्रे की अदायगी से खुदा बहुत खुश होता है, फित्रे की रकम गरीबों व मिसकीनो और दीगर जरूरत मंदो में बाटं सकते हैं|


मौलाना ने कहा कि इस महीने में हर एक शख्स को जनकल्याण के कामों में बढ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए, अपने इर्दगिर्द पडोसियो और कमज़ोर लोगों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है खुदा को सबसे ज्यादा यही अम्ल अपने बंदो का पसंद है


कितना दिया जाए फितरा? 

फित्रे की मिक्दार 2 किलो 45 ग्राम गेहूं है, आप गेहूं देदे या आज के बाजार भाव के हिसाब से 42 रुपए अदा कर दें, बेहतर ये है कि ईद की नमाज़ पढ़ने से पहले फित्ररा अदा कर दे अगर बाद में अदा करते हैं तो भी कोई हर्ज़ नहीं है


किसको दी जाए फितरे की रकम? 

ईद उल-फितर का सबसे अहम मक्सद एक और है कि इसमें ग़रीबों को फितरा देना वाजिब है जिससे वो लोग जो ग़रीब हैं मजबूर हैं अपनी ईद मना सकें नये कपडे पहन सकें और समाज में एक दूसरे के साथ खुशियां बांट सकें फित्रा वाजिब है 



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