मुस्लिम मुशावर्ती कमेटी ने किया Muslim Agenda का ऐलान |
WPNEWS18: उत्तर प्रदेश में एलेक्शन की वजह से सुन्नी मुसलमानों की सबसे बड़ी दरगाह आला हज़रत मे सियासत का महौल बना हुआ है, Dargah Ala Hazrat आला हज़रत परिवार के हर सदस्य का अलग अलग पार्टी में रुझान है मगर दरगाह आला हज़रत से जुड़े और सामाजिक कामों, मुस्लिम मसाईलो पर विशेष नज़र रखने वाले All India Tanzeem Ulma-e-Islam आल इंडिया तंजीम उलमा ए इस्लाम के महासचिव Maulana Shahabuddin Razvi मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने मुस्लिम दानिश्वरो के साथ मिलकर मुस्लिम एजेन्डा तैयार किया, उन्होंने कहा कि जो इन बिंदु को मानेगा हम उसका समर्थन करेंगे UP Election Muslim Agenda.
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मुसलमानों के दानिश्वर एवं विभिन्न अन्जुमनों तथा सोसाइटीयों, ट्रस्टों के पदाधिकारी एवं सदस्य यह महसूस करते है कि चुनाव 2022 से सभी राजनीतिक दल अपने घोषणा-पत्रों में मुस्लिम एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लिये लोक लुभावने एवं झूठे वादों के द्वारा सत्ता पाते है। चुनाव के बाद इस वर्ग को पूर्णतयाः भूल जाते है और जिस जाति विशेष का मुखिया होता है उसी वर्ग को सरकार का पूर्णतयाः संरक्षण प्राप्त होता है जिसका उस वर्ग को विशेष लाभ मिल जाने के कारण अल्पसंख्यक समाज व पिछड़ा वर्ग रह जाता है। इसलिए UP Election Muslim Agenda मे मुस्लिम एजेण्डा को लाना बहुत जरूरी था.
यह अल्पसंख्यक घोषणा माँग-पत्र से आप और आपके दल से हम आशा करते है कि भारत एवं राज्यों में निवास करने वाले 25 प्रतिशत आबादी अल्पसंख्यक समाज के पिछड़ेपन के कारण भारत पूर्णतयाः विकसित नहीं हो पायेगा, इस पर आप विचार उपरान्त अपने चुनावी घोषणा-पत्रों में उक्त माँगे सम्मिलित कर
उत्तर प्रदेश व अन्य प्रदेशों की आगा़मी सरकार में प्रदेशों के अल्पसंख्यक वर्ग में बड़े वर्ग मुस्लिम समाज के विकास के लिये कार्य करेंगे। आपकी पार्टी के ज़रिए अगर ऐसा कुछ होता है और हमारी माँगो को तसलीम करते है तो फिर मुस्लिम समाज आपको वोट और सपोर्ट करने के लिए तैयार हो सकता है। (UP Election Muslim Agenda)
UP Election मुस्लिम एजेण्डा 2022 के महत्वपूर्ण बिंदु:
1. तहफ्फुज़े नामुसे रिसालत यानि पैगम्बर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताख़ी करने वालों के खिलाफ विधानसभा में कानून लाया जाये।2. संविधान में दिये गये अल्पसंख्यको के अधिकारों को नज़र अन्दाज़ ना किया जाये।
3. झारखण्ड की तरह मॉबलिंचिंग पर विधानसभा में कानून लाया जाये।
4. शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिम सामाजिक संगठनों द्वारा स्थापित स्कूल, मदरसे, इण्टर कॉलेज, तकनीकी संस्थानों, विश्वविद्यालयों को सरकारी सुविधा प्रदान करने के साथ अनुदानित किया जाये और मान्यता को सरल बनाया जाये।
5. आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम वर्ग को प्राईवेट एवं सरकारी संस्थाओं में 27 प्रतिशत कोटे में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाये।
6. अल्पसंख्यक वर्ग उत्थान हेतु केन्द्र एवं राज्यों सरकारों की संचालित कुछ योजनाओं में सरलीकरण ना होना एवं प्रशासनिक अनदेखी के कारण लाभ प्राप्त नहीं कर पा रहे है लाभ हेतु सरल सुगम के लिये कठोर नियम बनाया जाये।
7. पूर्व में टेरर फण्डिंग के नाम पर उलमा/दानिश्वर, आतंकवाद के नाम पर नौजवानों पर हुये अत्याचार और गिरफ्तारी के बाद अदालतों ने निर्दोष मानते हुए बरी किया है, भविष्य में ऐसी अफवाओं, झूठी शिकायतों पर गिरफ्तारी से पहले जाँच हेतु स्वतंत्र संस्था स्थापित की जाये
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8. कट्टरपंथी विचारधारा संगठनों के द्वारा ग़रीब, बेसहारा लड़कियों-महिलाओं को लालच और भय से धर्म परिवर्तन कराने वालों के विरूद्ध कानून लाया जाये।
9. उत्तर प्रदेश के मदरसों में कार्यरत आधुनिक शिक्षकों के वेतन का बजट माध्यमिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर किया जाये।
10. धर्म के नाम पर नगरों में स्थापित आवासीय, सोसायटी, कॉलोनी में ख़रीद फरोख़्त पर रोक लगाने वाले बिल्डरों पर कानून लाया जाये एवं धर्म के नाम पर पलायन कराने के खिलाफ भी कानून लाया जाये।
11. प्राईवेट डॉक्टरों द्वारा कोविड-19 महामारी के बाद परामर्श फीस में वृद्धि को देखते हुये परामर्श फीस आर्हता डिग्री के आधार पर फीस निर्धारण हेतु सरकारी नियम बनाया जाये।
12. मुस्लिम समाज के लघु एवं कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन हेतु प्रत्येक जिलों में अलग-अलग समूहों को सरकारी सुविधा प्रदान की जाये।
13. वक़्फ सम्पत्तियों की आय से मुस्लिम समाज की लड़कियों के स्कूल खोलने के साथ ही वक़्फ सम्पत्तियों की हिफाज़त के लिये सख़्त कानून लाया जाये।
14. हिन्दू-मुस्लिम समाज में एकता व अखण्डता सौहार्द के विकास के लिये ग्राम स्तर से प्रदेश स्तर तक कार्यक्रम बनाने के नियम लागू किय जाये।
15. बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया, इस फैसले को मुसलमानों ने माना, सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले में आगे लिखा है बाबरी मस्जिद के बाद अब दीग़र धर्म स्थलों की कोई बार नहीं होगी। मगर देखा यह जा रहा है कि मथुरा और काशी के मुद्दे को हवा दी जा रही है और फिरकापरस्त ताक़तें मुद्दा बना रही है, यह सुप्रीम कोर्ट की सरासर तौहीन है।
16. उत्तर प्रदेश में एक दंगा आयोग बनाया जाये, जिसका मुताल्बा काफी सालों से किया जा रहा है ताकि निष्पक्ष जाँच हो सके।
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